Saturday 18 April 2015

आज फिर फेसबुक टाइमलाइन पर उनकी तस्वीर नज़र आई और दिल की धड़कने एक बार और बढ़ने लगी । फिर शुरू हुई लड़ाई मेरे "इड " और "इगो" के बीच । अब ये न पुछुइएगा की ये दोनों कौन है उसके लिए मुझे फिर "फ्रायड" को बीच में लाना पड़ेगा और सारा मामला उलझ जायेगा जो मैं कतई नहीं चाहता। तो मेरा "ईड" मुझे कह रहा था की मित्र निवेदन भेजो और मेरा "इगो" मुझे रोक रहा था की नहीं तुम ऐसा नहीं कर सकते, तुम किसी को मित्र निवेदन  कैसे भेज सकते हो जिसे तुम कभी ना मिले और न कभी बातचीत की है लेकिन "ईड" कहता की बातचीत तो तब होगी जब तुम उसके मित्र बन जाओगे और इसके लिए निवेदन भेजना तो आवश्यक है।
दरअसल ये मोहतरमा हमारी एक म्यूच्यूअल फ्रेंड है फेसबुक पर और जब उनका कोई पोस्ट मेरे मित्र के द्वारा लाइक किया जाता है तो मुझे भी दिख जाता है। और इस बार जब फिरसे उनको तस्वीर देखी  तो रहा नहीं गया और अपने "इगो" को लात मार के मैंने उन्हें मित्र निवेदन भेज दिया अब क्या परिणाम आता है ये तो बाद की बात है ।
आये दिन जब पेपर में ये खबरे पढता हु कि  कोई लड़का और लड़की फेसबुक पर मिले उनमे चैट हुआ और फिर प्यार और फिर शादी तो मेरा विश्वास  मजबूत हो जाता है की कभी न कभी मेरे साथ भी ये जरूर  होगा  और दिल खुशियो से भर जाता  है । वैसे तो मैंने अलग से भी पैरवी लगाई है उस  मित्र के माध्यम से लेकिन कुछ काम होता हुआ नज़र नही आता ।
ऐसा नही है की मोहतरमा ने मेरा निवेदन ना देखा हो या मेरे मित्र से  ना पूछा हो की ये कौन है और आपका मित्र कैसे है लेकिन अनजान लड़के का निवेदन स्वीकार करे भी तो कैसे ? मैं उसकी मनोदशा समझ सकता हु इसीलिए कोई दबाव नही बनाना चाहता कहते हैं न मोहब्बत में सकारात्मक रहना काफी आवश्यक है वैसे भी नकारात्मक सोच से ही क्या घंटा हासिल होना है ।
वैसे लाखो लोग रोज फेसबुक पे लाखो ऐसे लोगो को मित्र निवेदन भेजते है जिन्हे वो न जानते  है न कभी मिल सकते है न कभी आमने सामने देख सकते है । पुरे विश्व के लोगो को फेसबुक एक बड़ा आसान माध्यम उपलब्ध करा रहा है जहा वो मिल सके एक दूसरे को समझ सके अपनी क्षमताओ का विकास कर सके कुछ नहीं तो अपनी टाइपिंग स्पीड ही बढ़ा सके । मेरे गाँव में मोबाइल रिचार्ज की दूकान वाले फेसबुक का अकाउंट खोलने के 40 से 50 रूपये लेते है और एक मित्र निवेदन भेजने के 10 रूपये और ये बताने वाली बात नहीं है की ये निवेदन केवल लड़कियों को हीं भेजा जाता है भले वो फेक हो । इस तरह फेसबुक रोजगार भी उपलब्ध करा रहा है ।
देखिये बातो हीं  बातो में मैंने इसकी सार्थकता पर भी बहस छेड़ दिया । तो इतने लोगो के बीच अगर मैंने भी किसी से उम्मीद लगाई हुई है तो आप ही बताइये ये गैरवाजिब तो नहीं तो अगर मित्र निवेदन स्वीकार हो जाता है तो फिर से एक कहानी बनेगी और उसको आपके सामने लाऊंगा इसी माध्यम से तब तक के लिए फेसबुक पर चैटियाते रहिये जिंदाबाद ॥