Tuesday 21 November 2017

एक स्वघोषित, स्वनामधन्य सेना के सुयोग्य, कर्मठ और जुझारू कार्यकर्ता से बातचीत.........


प.- जी पद्मावती.......

और पद्मावती का नाम सुनते ही उसकी भुजाएं फड़कने लगी, आँखों से अंगारे निकलने लगे, चेहरा बिल्कुल ड्रैगन की तरह नजर आने लगा, मैंने पूछा भाई क्या हुआ तो उसने मुंह से आग की लपटें निकालते हुए कहा तुझे पता नहीं मैं एक स्वघोषित सेना में बतौर मीडिया सलाहकार काम करता हूँ और मेरा काम ही यही है कि किसी भी हालत में किसी की जुबान से श्री श्री 1008 परमपूजनिया राजमाता पद्मावती जी का नाम नहीं निकलना चाहिए। अरे पापी, नीच, नराधम जिस ने अपने देश के लिए जान दे दी उनका नाम तु अपनी गंदी जुबान से लेता है तुझे शर्म नहीं आती.....


प.- मैंने कहा भाई मैंने तो नाम ही लिया बस....कुछ कहा तो नहीं अभी....

उसने कहा कि नाम भी नहीं ले सकते इस नाम पर ही करणी सेना ने कॉपीराइट करा रखा है जैसे तुम नाम लोगे हम आगे की सारी बातें समझ जाएंगे और पुरूष वर्ग की जुबान और स्त्री वर्ग के लिए नाक काटने का फतवा जारी कर देंगे। इतना ही नहीं हमारी सेना का एक भाग सोशल मीडिया पर बस इसलिए सक्रीय है कि तुम जैसों के फेसबुक, ट्वीटर का प्रोफाइल ढ़ूंढ़ कर तुम्हें ट्रोल कर सके।


प.- भाई लेकिन मैंने तो पढ़ा है कि फिल्म के पहले लिखा होता है इस कहानी के पात्र और घटनाएं काल्पनिक हैं...

पात्र नहीं कुपात्र हैं ये....ये सब मिल के देश का इतिहास बदलना चाहते हैं लेकिन इन्हें पता नहीं है कि हम इनका भविष्य और शारीरिक भूगोल बदल देंगे। याद है ना पिछले साल पड़ाका बजाया था गाल पर, लगता है गूंज भूल गए इतनी जल्दी इसलिए हमलोगों धमकियों का लेवल बढ़ा दिया है इनलोगों को मारने के लिए इनाम का भी ऑप्शन लेकर आए हैं।


प.- भविष्य को लेकर आपकी क्या योजनाएं हैं

देखिए....भविष्य हमारा घनघोर रूप से सुरक्षित है....देश बाद में सुरक्षित होगा पहले हमें इसका इतिहास सुरक्षित करना है...और अपने भविष्य के लिए हमलोग चुनाव लड़ेंगे और इस देश की बौड़म जनता पर हमें पूरा भरोसा है कि हमें जिताएगी भी....और आपका जैसे कि भरपूर मनोरंजन हम लगातार कर रहे हैं आगे भी करते रहेंगे...भंसाली जी को भी हम धन्यवाद देना चाहते हैं जिन्होंने अपने माध्यम से हमें अपनी प्रतिभा को निखारने का अवसर प्रदान किया.....और चलिए अब बहुत सवाल जवाब हो गया अब आगे कुछ भी पूछे तो मुंह से नहीं तलवार से बात होगी....तो फौरन निकल लो......जय हो महारानी की....और सुनो, जयकारा लगाए बिना मत जाना.....
प.- जी सर.... जय हो महारानी की........


(अभिषेक)