Thursday 12 October 2023

           सोशल मीडिया बनता जा रहा है सॉफ्ट पॉर्न का अड्डा

एक बड़ी संख्या में देश की जनता को लग रहा है कि सारे लाइक्स और फौलोवर नंगई से ही आ रहे हैं, और कहीं ना कहीं उनकी ये सोच ठीक भी है, क्योंकि लगभग लोग ऐसे सफलता पा भी रहे हैं, और बात ये ठीक भी है कि इंसान तो नंगा पैदा होता है तो नंगई में शर्म कैसी, इंसान नंगा ही पैदा होता है, कपड़े इंसानों ने बनाया है वरना नंगा होना इज नैचुरल।


अब सबसे जरूरी है पैसा, पहले सोशल मीडिया प्रोफ़ाइल, फिर फोलोवर, लाइक्स की संख्या में बढोतरी और फिर इंन्फ्लुएंसर का तमगा और फिर कमाई और वो चाहे जैसे हो। कुछ लोग अपने कन्टेंट से भी कमा रहे हैं लेकिन उनकी संख्या बहुत कम और उसमें मेहनत ज़्यादा है, अब मेहनत ही करना होता तो पढाई लिखाई करते, यूपीएससी की तैयारी करते फिर सोशल मीडिया पर क्या कर रहे हैं। 


जीवन का सिद्धांत है कम मेहनत और कम समय में ज़्यादा कमाई, लीक से हट कर कुछ करना जिसे लोग पसंद करें, और सबसे आसान और लीक से हट कर यही है, अब ये अलग बात है ज़्यादातर लोग इसी तरीके से लीक से हट रहे हैं।


दिक़्क़त उनके साथ है जो ना अभी तक नंगई के प्रति सहज नहीं हुए हैं, अब वो सेमी नंगई के साथ कोशिश तो कर रहे हैं लेकिन अभी सामाजिक बंधनों से मुक्त नहीं हुए हैं इस वजह से कमाई से अब तक दूर हैं और पारंपरिक तरीके से नौकरी कर के जीवन चला रहे हैं और कसक ये है कि यार इतने आसान तरीके से जब कमा सकते हैं तो ये कोई ये पारंपरिक तरीका क्यों ले, वो क्यों ना ले। 


परंपरा, प्रतिष्ठा, अनुशासन ये सब पुरानी बातें हो गई, देश का बहुत बड़ा वर्ग है जो पढाई लिखाई से वंचित रहा है, रोज़गार से दूर है, उनके लिए अगर ये कमाई का जरिया है तो ठीक ही है बाकी हमारे जज करने से उनका जीवन तो चलेगा नहीं।

सबसे ज़्यादा संख्या में हमारे यहां पॉर्न देखा जाता है और अब सोशल मीडिया के माध्यम से लोगों तक ये सॉफ्ट पॉर्न के रूप में पहुंच रहा है तो क्या ही दिक़्क़त है, और ये बनाने वाले कहीं बाहर के नहीं हैं आस पास के हैं और बच्चों से बूढों तक इसकी पहुंच आसानी से हो रही है। 


एक हमारी तरह के भी लोग हैं जो ये सब लिखने के अलावा कुछ कर नहीं सकते हैं तो लिख रहे हैं, इसे जिस रूप में लेना है लिया जाए बाकी तो "मेरा देश बदल रहा है और कम से कम इस मामले में तो बहुत तेजी से आगे बढ रहा है।"

No comments:

Post a Comment