लड़का-लड़की एक दूसरे को जानते थे..........
अक्सर किसी छेड़खानी, लड़की पर तेजाब फेंका जाना,
सरे-राह कमेंटबाजी या ऐसा कोई मामला जिसमें लड़के द्वारा लड़की को शारीरिक या
मानसिक रूप से प्रताड़ित किया जा रहा हो और पुलिस में शिकायत की जाए तो पहला सवाल
यही होता है क्या लड़का-लड़की एक-दूसरे को जानते थे, चलो मान लेते हैं ये पूछना
जरूरी है लेकिन अगर लड़का-लड़की एक-दूसरे को जानते थे तो क्या लड़के को ऐसा कुछ भी
करने का अधिकार मिल जाता है? क्या पुलिस के लिए बस इतना काफी होता है कि बस
लड़का-लड़की एक दूसरे को जानते थे इसलिए मामले की जाँच-पड़ताल नहीं की जाए, उस
लड़के को नहीं पकड़ा जाए, उसे सजा ना दी जाए, जमानत पर छोड़ दिया जाए ताकि वो उस
लड़की को फिर से टॉर्चर कर सके।
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अभी एक खबर पढ़ी कि लड़के ने लड़की को तीन गोलियां मारी, लड़की पीएमसीएच में भर्ती है और पुलिस का बयान है कि लड़का-लड़की एक दूसरे को जानते थे और लड़की के होश में आने के बाद पूछताछ कर आगे की कारवाई की जाएगी। लड़की इंटर की छात्रा है लड़का उस पर शादी करने के लिए दबाव बना रहा था, इससे पहले भी लड़का, लड़की के घर के घर पर गोली चला चुका था। उसने लड़की को धमकी दी थी कि अगर वो मिलने नहीं आएगी तो उसके माँ औऱ भाई को गोली मार देगा। इस वजह से लड़की को बाहर उससे मिलने आना पड़ा और शराब के नशे में धुत लड़के ने उसे गोली मार दी।
मुख्यमंत्री महोदय मुझे नहीं लगता आपके द्वारा
चलाए जा रहे किसी भी योजना का कोई फायदा हो रहा है शराबबंदी है लेकिन शराब में धुत
लड़के ने उसे सरे-आम गोली मार दी, बाल-विवाह रोकने की आप बात करते हैं लेकिन जो
लड़कियां बाल से अब व्यस्क हो चुकी हैं उनके सुरक्षा की कोई जिम्मेदारी आपकी और
प्रशासन की है की नहीं और इसमें भी ये बात तो आपके राजधानी पटना की है तो अन्य
जगहों पर हालात क्या होंगे इसका अनुमान लगाना इतना मुश्किल नहीं है।
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अब बात लड़कों के मानसिकता की, वो पता नहीं किस
दुनिया में जी रहे हैं, ये समझना क्या इतना मुश्किल है लड़की आपकी जागीर नहीं है
कि आपकी तरह उसे भी अपने लिए कुछ भी चुनने की स्वतंत्रता संविधान और कानून ने दी
है। आप जब रिलेशनशीप में रहते हो और कोई और नई लड़की आपको मिल जाती है तो आप
ब्रेकअप कर के आगे बढ़ जाते हो, लड़की भी थोड़-बहुत रो- गाकर चुप हो जाती है लेकिन
कोई लड़की जब आपको छोड़ के आगे बढ़ना चाहती है आपका इगो हर्ट हो जाता है, और आप हर
हाल में उसे सबक सिखाना चाहते हो, बदला लेना चाहते हो। क्या आपका इगो किसी लड़की के जान से भी बढ़ कर
है कि उसे सबक सिखाने के लिए आप किसी भी हद तक जाने से नहीं चूकते और फिर कहते हैं
कि ये प्यार है।
ऐसा नहीं है कि लड़कियाँ भी सब ठीक ही हैं लेकिन
बदला लेने के लिए किसी भी हद तक गिरने वाली बात कम से कम उनके अंदर उतनी नहीं है।
अक्सर पुलिस,प्रशासन, समाज, परिवार सब लड़कियों के साथ होने वाली ऐसी घटनाओं के
लिए उसे ही जिम्मेदार ठहरा देते हैं कि लड़कों से दोस्ती ही क्यों करती हो, लड़कों
के साथ घूमती ही क्यों हो, उनसे बात ही क्यों करती हो, क्या इस समस्या का ये
समाधान है कि हम एक प्रगतिशील होते समाज को फिर से उसी स्तर पर ले जाए जहाँ पुरूष को देखकर
महिलाएँ घूंघट कर लें और अपना रास्ता बदल लें ऐसी कल्पना से ही डर लगने लगता है।
इस समाज का निर्माण हमारे हाथ में है और हमें ही
सोचना होगा कि हमें इसे किस दिशा में ले जाना है, पुलिस को चाहिए ऐसी किसी भी
वारदात में दोषी लड़के पर त्वरित और जल्दी कारवाई हो, परिवार लड़की के साथ मजबूती
से खड़े हो और उसे ही कसूरवार ना माने, लड़के के परिवार और दोस्तों को चाहिए कि
उसे एहसास दिलाए कि हर इंसान को उसकी मर्जी से जीने का हक है। हम में से हर एक को
इस बात को समझना होगा और अगर नहीं समझना तो फिर कितना भी शराब, बाल-विवाह, दहेज
आदि कुछ भी रोक दो रसातल में जा रहे इस समाज को नहीं रोक सकते।
(अभिषेक)
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